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Pitra Dosh Remedies: सोमवती अमावस्या पर पितृदोष के उपाय

जिस अमावस्या को सोमवार हो, उसे सोमवती अमावस्या  कहा जाता है। हमारे शास्त्रों में इस इस दिन कुछ विशिष्ट पितृदोष निवारण के उपाय बताए गए है जिनसे जीवन के समस्त कष्टों का निवारण किया जा सकता है।

अगर आपके जीवन में लगातार दुःख बने रहते है, कार्यों में मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलती और लगातार धन का अभाव रहता है तो ये पितृदोष के लक्षण है।

अन्य लक्षणों में संतान के भी कार्यों में बाधाएं और उनके विवाह में देरी भी पितृदोष को दिखाती है।


Pitra Dosh Remedies


सोमवती अमावस्या को पितृदोष के उपाय 

पितृदोष से पीड़ित व्यक्ति सोमवती अमावस्या के दिन अगर यह उपाय करे तो निश्चित ही उनके जीवन के समस्त कष्ट दूर होंगे तथा पितृदोष से मुक्ति भी मिलेगी। जानिए इन सरल उपायों के बारे में- 

1. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के पास दो जनेऊ लेकर जाइए। एक जनेऊ पीपल देव का स्मरण करते हुए पीपल के पेड़ पर लपेट दीजिए। 

दूसरा जनेऊ भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए उसी पीपल के पेड़ पर अर्पित कर दीजिए। फिर पीपल देव और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिए और परिक्रमा करते वक्त ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करते रहिए। 

उसके बाद 108 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करके शुद्ध रूप से तैयार की गई एक मिठाई पीपल वृक्ष को अर्पित कीजिए। परिक्रमा पूरी होने के बाद भगवान विष्णु से अपने दोनो हाथ जोड़ कर अपने जाने अनजाने अपराधों के लिए क्षमा मांगिए।

सोमवती अमावस्या के दिन की गई इस पूजा से जल्दी ही आपको उत्तम फलों की प्राप्ति होने लगती है

2. सोमवती अमावस्या के दिन दूध से बनी खीर दक्षिण दिशा मे पितरों की फोटो के समक्ष सरकंडे जिन्हे देसी भाषा मे कंडे भी बोला जाता है, की धूनी लगाकर पितरों को अर्पित करने से भी पितृदोष मे कमी आती है।

3. सोमवती अमावस्या के दिन अपनी श्रद्धा अनुसार ब्राह्मण को भोजन एवं दक्षिणा मे वस्त्र दान करने से पितृदोष मे कमी आती है।

4. सोमवती अमावस्या के दिन अपने आसपास के वृक्ष पर बैठे कोओं और जलाशयों की मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाए गए लडडू दीजिए, यह पितृदोष को दूर करने का सरल एवं उत्तम उपाय है।  

5. पितृदोष की शांति के लिए अमावस्या के अतिरिक्त भी प्रति शनिवार पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।

6. अपने परिवार के सभी सदस्यों से सिक्कों के रूप में कुछ पैसे एकत्रित कीजिए और रविवार को किसी मंदिर में दान कर दीजिए।

7. सूर्य देव को सुबह जल अर्पित कीजिए और लोटे में थोड़ा सा लाल चंदन पाउडर या लाल गुलाब की पंखुड़ियां मिला लें। रोजाना ऐसा कर सकें तो अच्छी बात है, नहीं तो रविवार को अवश्य करें।

8. आपके आसपास या मंदिर में कोई पीपल का पेड़ हो तो उसकी सेवा करें। जल अर्पित करें।

9. रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें और मांस, मदिरा से दूर रहें।

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