जहां तक लक्की नंबर की बात है, अगर हम अपने जीवन की कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं को ध्यान से देखेंगे तो हम पाएंगे कि कुछ खास तारीखों को हमे विशेष सफलता या खुशियां मिलती है और अगर हम उनका मिलान अपने लक्की नंबर से करेंगे तो पाएंगे कि इन सब के पीछे कही न कही हमें वही से भाग्य का सहयोग मिला है।
हम अक्सर अपने जीवनकाल में ये देखते है कि कुछ व्यक्ति अपने कार्य को बहुत मेहनत से करते है और अपने कार्य में भी बहुत ईमानदार होते है और उनमें कोई बुरी आदतें भी नही होती परन्तु इस के बावजूद उन्हें अपने जीवन काल में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लक्की नंबर और भाग्य
इसे भाग्य की विडंबना ही तो कहेंगे कि जम कर मेहनत और ईमानदारी से काम करने के बावजूद भी दुनिया भर की पारिवारिक परेशानियां, व्यक्तिगत परेशानियां, आर्थिक परेशानियां और बहुत सी समस्याएं उनके जीवन में हमेशा डेरा डाले रहती है। उनके जीवन में सुख सुविधा का नितांत अभाव रहता है और हर समय आर्थिक परेशानी का सामना करते रहते है।
परंतु दूसरी तरफ हम अक्सर ये भी देखते है कि कुछ व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में बहुत ही लापरवाह, आरामपरस्त और नकारे होते है, उनमें हर प्रकार की बुरी आदतें जैसे जुआ खेलना, शराब, सिगरेट, नशा और आवारागर्दी की तमाम बुरी आदतें होती है परंतु वो हमेशा हर प्रकार की चिंता से मुक्त दिखाई देते है और उनकी जेब हमेशा पैसे से भरी रहती है और वे जीवन के तमाम ऐशो आराम का मजा लूटते है।
यह सब हम उनके पूर्व जन्म का फल मान सकते है या उनके इस जन्म की गृह स्थिति को इसका श्रेय दे सकते है जैसे किसी की कुंडली मैं अगर सूर्य देव अच्छी स्थिति में है तो उसे सरकारी नौकरी, जीवन मैं मान सम्मान की प्राप्ति होती है। अगर चंद्र देव अच्छी स्थिति मैं हो तो अपनी ग्रह स्थिति के अनुसार अपना फल प्रदान करते है जैसे अगर कुंडली में दसवें घर में हो तो सरकारी नौकरी का योग बनता हैं।
अगर मंगल देव अच्छी स्थिति मैं है तो वह व्यक्ति सेना या पुलिस मैं उच्च पद प्राप्त कर सकता है। अगर बुध देव अच्छी स्थिति मैं है तो वह व्यक्ति किसी बैंक या वित्तीय संस्थान मैं नौकरी प्राप्त कर सकता है या एक सफल व्यवसाय का मालिक हो सकता है।
इसी प्रकार अगर बृहस्पति देव अच्छी स्थिति मैं हो तो वह व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति कर सकता है। शुक्र देव की स्थिति अच्छी होने पर वह व्यक्ति धन धान्य से मालामाल होगा और जीवन के तमाम ऐशो आराम को भोगेगा। अगर किसी की कुंडली मैं शुक्र देव उसके सप्तम स्थान अर्थात पार्टनरशिप या गृहस्थ स्थान में हो तो उसे परम रूपवती पत्नी या पति जीवनसाथी के रूप मैं मिलता है।
शनिदेव अगर किसी की कुंडली में उच्च स्थिति मैं है तो वह व्यक्ति शनिदेव से संबंधित क्षेत्रों जैसे कोयला, लोहा,फैक्ट्री आदि से संबंधित कार्यों में बहुत सफलता प्राप्त कर सकता है।
राहु देवता और केतु देवता को छाया ग्रह माना गया है और ये उसकी कुंडली मैं अपनी स्थिति के अनुसार जीवन में बहुत ऊपर या नीचे ले जाते है। राहु और केतु के बारे मैं समानता यह है कि अक्सर यह सब अचानक से हो जाते है जैसे किसी को जमीन से उठाकर आसमान में पहुंचा देना जैसे लॉटरी, सत्ता प्राप्ति, अकस्मात किसी भी साधन से धन प्राप्ति आदि।
अगर स्थिति अच्छी न हो तो व्यवसाय का अचानक किसी कारण जैसे आग लगना या किसी अन्य कारण से व्यवसाय ठप्प पड़ जाना या बंद हो जाना, कोर्ट कचहरी मैं किसी मुकदमे मैं समय और साधनों की बरबादी आदि। ये ग्रह अगर देने पर आए तो बहुत कुछ अल्प समय मैं ही दे देते है और अगर लेने पर आए तो अल्प समय या अकस्मात ही आसमान से जमीन पर ला देते है।
हम इन परिस्थितियों को पूर्णतया बदल तो नही सकते परंतु हम इन परेशानियों को ज्योतिष की मदद से और अशुभ ग्रह की शांति जैसे कुछ आसान उपायों से कुछ कम अवश्य कर सकते है और हम किसी असहाय व्यक्ति के जीवन मैं इन उपायों से उसके जीवन मैं कुछ खुशियों का सवेरा ला सकते है और उसकी परेशानियों को कुछ कम कर सकते है।
अपना लक्की नंबर कैसे पता करें?
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