ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नव ग्रहों का हमारे जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। आपकी जन्म कुंडली में ये नवग्रह कैसी स्थिति में है, कौन से घर में है, शुभ स्थिति में है या अशुभ स्थिति में है और किस ग्रह की दशा अंतर्दशा चल रही है, उसी अनुसार जन्म कुंडली की गणना की जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कोई ग्रह अशुभ स्थिति में है तो उस ग्रह के बुरे प्रभाव को कम या खत्म करने के उपाय बताए जाते है।
अशुभ ग्रहों के दोष निवारण के उपाय
- सूर्य- कोई भी शुभ कार्य आरम्भ करने से पहले गुड़ या मिठाई आदि खाएं एवम् पानी पीएं।
- चन्द्र- बुजुर्गो का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले।
- मंगल- आंखों मे सफेद सुरमा लगाएं।
- बुध- दांतो को साफ रखे, नाक छिदवाए।
- गुरु- माथे पर पीला या केसर का तिलक लगाएं, नाक साफ रखे एवम् कोई भी कार्य करने से पहले नाक साफ करे।
- शनि- लोहे का दान करें एवम् 43 दिन तक कोऔ को रोटी दे।
- शुक्र- साफ सुधरे रहे एवम् साफ सुथरे कपड़े पहने, परफ्यूम का प्रयोग करे।
- राहु- सिर पर चोटी रखे, संयुक्त परिवार मैं रहे, ससुराल वालो से अच्छा व्यवहार करे एवम् हो सके तो रात्रि को भोजन रसोई घर मे करे।
- केतु- कुत्ता पाले, कान छिदवाएं।
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