किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले संकट हर्त्ता विघ्न विनाशक भगवान गणेश जी की आरती गाने या सुनने का विधान बताया गया है। इससे कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती और कार्य निर्विघ्न संपन्न होते है।
 
Ganesh Ji ki Aarti: Ganpati Ji Ki Vandana

गणेश जी की आरती 

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा 
एकदंत दयावंत चार भुजाधारी 
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी 
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुनन का भोग लगे सन्त करे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा 
अंधन को आंख देत, कोढ़ीन को काया 
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा 
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
बोलो गणेश भगवान की जय 
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