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Aarti Lakhdatar Ki: आरती खाटू श्याम बाबा की

आरती लखदातार की

लखदातार जिन्हे श्याम बाबा, खाटू श्याम और शीश के दानी के नाम से भी जाना जाता है, इनके भक्तों की इन पर अपार आस्था है। जो भी भक्तजन सच्चे मन से श्याम प्रभु के दरबार में आता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।

Aarti Lakhdatar Ki: आरती खाटू श्याम बाबा की

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

रत्न जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।। 

झांझ कटोरा और घड़ियावाल, शंख मृदंग धुरे।
भक्त आरती गावे, जय जयकार करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

जो ध्यावे फल पावे, सब सुख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।।

बोल खाटू नरेश की जय, बोल शीश के दानी की जय




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